मुंबई – महाराष्ट्र सरकार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बी. आर. गवई को राज्य में “नियमित सरकारी अतिथि” का दर्जा देते हुए नई प्रोटोकॉल गाइडलाइन जारी की हैं। यह फैसला उस घटना के बाद लिया गया है, जब सीजेआई गवई के मुंबई दौरे पर उन्हें रिसीव करने कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी।

18 मई को महाराष्ट्र की पहली यात्रा पर पहुंचे सीजेआई के स्वागत के लिए न तो राज्य के मुख्य सचिव, न डीजीपी और न ही मुंबई पुलिस आयुक्त मौजूद थे। इस लापरवाही पर सीजेआई ने असंतोष जाहिर किया। इसके बाद राज्य सरकार को अपनी भूल मानते हुए कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने फोन पर माफी मांगी।
अब नए दिशानिर्देशों के तहत, सीजेआई को स्थायी राज्य अतिथि का दर्जा दिया गया है। इसका मतलब है कि राज्य में उनकी हर यात्रा पर उन्हें सभी जरूरी सरकारी सुविधाएं जैसे आवास, वाहन और सुरक्षा मुहैया कराई जाएंगी।
इसके अतिरिक्त, सीजेआई के आगमन पर राज्य के मुख्य सचिव या उनके वरिष्ठ प्रतिनिधि, डीजीपी या उनके प्रतिनिधि स्वागत के लिए उपस्थित रहेंगे। जिला स्तर पर जिला कलेक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी यह जिम्मेदारी निभाएंगे।