बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सत्ता से हटाए जाने के बाद अब उनके खिलाफ दो नए आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले अंतरिम सरकार ने उनकी पार्टी ‘अवामी लीग’ पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे हसीना का चुनाव लड़ना भी लगभग असंभव हो गया।

छात्र की मौत से जुड़ा मामला
पहला मामला जुलाई 2024 में हुए एक छात्र आंदोलन से जुड़ा है। नारायणगंज के शिमराइल इलाके में विरोध प्रदर्शन के दौरान सजल मियां नामक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। सजल की मां रूना बेगम ने शेख हसीना समेत 61 अवामी लीग नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हत्या का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है।
आरोपियों में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, पार्टी महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व मेयर सेलिना हयात आइवी, विधायक शमीम उस्मान और उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, सजल को डच-बांग्ला बैंक के पास प्रदर्शन के दौरान गोली लगी थी। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जान नहीं बच सकी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि यह हमला अवामी लीग के निर्देश पर किया गया था।
दूसरा मामला: चुनाव में गड़बड़ी
दूसरा केस तंगेल जिले में दर्ज किया गया है। कमरुल हसन नामक व्यक्ति ने शेख हसीना और 193 अन्य लोगों पर 2024 के आम चुनाव में गड़बड़ी और फर्जी मतदान (डमी इलेक्शन) का आरोप लगाया है।
इस मामले में कई पूर्व वरिष्ठ अधिकारी भी आरोपी बनाए गए हैं, जिनमें पूर्व मंत्री अब्दुर रज्जाक, पूर्व चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल, पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून और अन्य शामिल हैं।