जिले की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़, एक महिला माओवादी ढेर
जिले की दक्षिण-पश्चिमी सीमा में 5 मई को माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में एक महिला वर्दीधारी माओवादी मारी गई। घटनास्थल से एक .303 राइफल बरामद की गई है। यह मुठभेड़ डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत हुई।
पिछले 12 दिनों से चल रहे इस अभियान में अब तक चार माओवादियों के शव और कई हथियार बरामद किए जा चुके हैं। इनमें से तीन शव 24 अप्रैल को और एक शव 5 मई को बरामद हुआ। सुरक्षा बलों को संदेह है कि मुठभेड़ स्थल पर मिले संकेतों से यह अंदेशा है कि कुछ और माओवादी या तो मारे गए हैं या घायल हुए हैं। हालांकि क्षेत्र की दुर्गमता के कारण सभी शवों को निकालना संभव नहीं हो पाया है।
इस अभियान के दौरान सैकड़ों नक्सली ठिकानों और बंकरों को नष्ट किया गया। वहां से हजारों किलो विस्फोटक सामग्री, राशन, दवाइयाँ, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और डेटोनेटर बरामद किए गए। मुठभेड़ों और आईईडी विस्फोटों में कुछ जवान घायल भी हुए, जिन्हें इलाज उपलब्ध कराया गया है और उनकी हालत अब स्थिर है।
यह निर्णायक अभियान वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध सुरक्षा बलों की दृढ़ संकल्पना को दर्शाता है। अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान में कई वरिष्ठ माओवादी कार्यकर्ताओं के मारे जाने या गंभीर रूप से घायल होने की संभावना है।
गौरतलब है कि वर्ष 2024 में मिली रणनीतिक सफलता को बरकरार रखते हुए, वर्ष 2025 के पहले चार महीनों में बस्तर संभाग से अब तक 129 कट्टर माओवादियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। पुलिस मुख्यालय के मार्गदर्शन में डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीएएफ और बस्तर फाइटर्स पूरी निष्ठा के साथ क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में कार्यरत हैं।
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