आज वीकेंड का वार में एक टास्क था जिसमें अभिषेक द्वारा हर बार “हां” में जवाब देने पर आशिका को बिजली के झटके दिए गए। और अभिषेक ने हर जवाब का ईमानदारी से “हां” में जवाब दिया, जिसके परिणामस्वरूप आशिका को कई बार झटके लगे जो जाहिर तौर पर दर्दनाक था। और पूजा भट्ट अचानक से कहने लगी “कभी-कभी दूसरों की भलाई के लिए झूठ बोलना सही होता है”।

मेरा मतलब है कि क्या बकवास है। यह सिर्फ़ एक काम था, कोई व्यक्तिगत बात नहीं। और हमेशा की तरह पूजा को खुद को “दया की मूर्ति” के रूप में दिखाना था, जैसे कि वह यहाँ अकेली विचारशील है। यह उसकी तरफ से एक अति प्रतिक्रिया थी। और यह फुकरे इंसान की तरफ़ निर्देशित थी। वह यह दिखाना चाहती है कि घर में सिर्फ़ वही समझदार है और बाकी सभी बेपरवाह बेवकूफ़ हैं और वह उन सभी से बेहतर है।
इतना ही नहीं कृष्णा और भारती के जाने के बाद, उसने अपने हर एक गुर्गे को परेशान करना शुरू कर दिया और कहा कि वे उसके लायक नहीं हैं। और वह ऐसे माहौल में नहीं रह सकती और बीबी हाउस के बाहर किसी भी घरवाले से नहीं मिलेगी। यह दर्शकों से सहानुभूति पाने के लिए एक घटिया हरकत थी। और आश्चर्य की बात नहीं कि उसके गुर्गे लगभग तुरंत ही उसकी चापलूसी करने लगे। लेकिन मैं इस बात से सहमत हूँ कि कोई भी ऐसे पाखंडी, अहंकारी और स्वार्थी व्यक्ति के साथ रहने का हकदार नहीं है, जैसे पूजा भट्ट जो सोचती है कि हर कोई उसके स्तर से नीचे है क्योंकि वह हर चीज पर बकवास ज्ञान देती है। और वह पलटवार करने के लिए सही मौके का इंतज़ार करती है, और जब वह मौका आता है तो वह उस व्यक्ति को धमाका कर देती है