बिहार कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले, गया का नाम अब ‘गया जी’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

गया का नाम बदला, शहीदों के परिवारों को सम्मान
बैठक का सबसे अहम फैसला गया शहर का नाम बदलकर ‘गया जी’ करना रहा। साथ ही, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए जवानों के परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया है, जो सरकार की संवेदनशीलता और शहीदों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी और सफाई व्यवस्था में सुधार
राज्य सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि की घोषणा कर लाखों कर्मियों को राहत दी है। वहीं, प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई का कार्य अब जीविका दीदियों को सौंपा जाएगा, जिससे महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
नगर परिषद और पंचायतों में बदलाव
छपरा जिले के सोनपुर को नगर परिषद और औरंगाबाद के मदनपुर को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है। वहीं, राज्य के 900 ग्राम पंचायतों में सरकारी पंचायत भवन बनाए जाएंगे जिससे स्थानीय प्रशासनिक कार्यों को मजबूती मिलेगी।
जल जीवन हरियाली और जलापूर्ति योजनाएं
जल जीवन हरियाली कार्यक्रम की अवधि को बढ़ाया गया है। दरभंगा जिले में जलापूर्ति योजना के लिए 186 करोड़ रुपये और औरंगाबाद जिले के लिए 72 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। साथ ही, बोधगया और सोनपुर क्षेत्र में भी जलापूर्ति और मेला विस्तार योजनाओं को मंजूरी मिली है।
शिक्षा क्षेत्र में विस्तार
बिहार के विभिन्न जिलों में केंद्रीय विद्यालय संगठन के नए विद्यालय खोले जाएंगे। इसके अलावा, भागलपुर, अररिया और गोपालगंज में नए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे।
विकास कार्यों के लिए ऋण और पद स्वीकृति
राज्य सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए 58,193 करोड़ रुपये के ऋण लेने का निर्णय लिया है। सहकारिता विभाग में 498 और मुख्य जांच आयुक्त कार्यालय में 125 नए पदों को स्वीकृति दी गई है।
दिव्यांगजनों को आरक्षण और कैंसर केयर पहल
बिहार की नौकरियों में अब केवल राज्य के मूल निवासी बेंचमार्क दिव्यांगों को क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। साथ ही, ‘कैंसर केयर एंड रिसर्च सोसायटी’ का गठन किया जाएगा, जो कैंसर की रोकथाम और उपचार में काम करेगी।
डॉक्टरों पर कार्रवाई और प्रशासनिक सुधार
अनुपस्थित रहने के कारण पांच डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, शिक्षा विभाग के शिक्षकों को बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में प्रतिनियुक्त किया जाएगा।
पटना मेट्रो और स्थानीय सेवाएं
पटना मेट्रो परियोजना के लिए 2.56 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। अब जन्म और मृत्यु से संबंधित आवेदन ग्राम पंचायत स्तर पर निपटाए जाएंगे। इसके अलावा, भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालयों के भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।