तुर्किये-पीकेके समझौते से खत्म हो सकता है दशकों पुराना संघर्ष
भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान को ड्रोन और हथियार देकर तनाव बढ़ाने वाला तुर्किये अब अपने देश में शांति स्थापित करने की दिशा में कदम उठा रहा है। इंडिपेंडेंट तुर्कसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तुर्किये और कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) के बीच एक गुप्त समझौता हुआ है, जिसका मकसद दशकों से जारी सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करना है। इस समझौते के तहत PKK को एक वैध राजनीतिक संगठन में तब्दील किया जाएगा।

PKK कई दशकों से तुर्की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ता आ रहा है, खासकर कुर्दों की पहचान और अधिकारों को लेकर। तुर्की सरकार की सैन्य कार्रवाइयों के बावजूद PKK को पूरी तरह कुचला नहीं जा सका, जिसके बाद अब दोनों पक्षों के बीच समझौते की संभावना सामने आई है।
जेल से आया बड़ा फैसला
मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के अनुसार, PKK जल्दी ही घोषणा कर सकता है कि वह तुर्की के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष समाप्त कर रहा है और खुद को भंग कर रहा है। यह फैसला PKK के संस्थापक और जेल में बंद नेता अब्दुल्ला ओकलान के फरवरी में जारी बयान के बाद लिया गया है, जिसमें उन्होंने संगठन से हथियार छोड़ने की अपील की थी। PKK ने 5 से 7 मई के बीच एक कांग्रेस आयोजित कर इस पर चर्चा की।
तुर्किये में शांति की उम्मीद
PKK के कारण तुर्की को पिछले 40 वर्षों से आतंकी हमलों और संघर्षों का सामना करना पड़ा है। PKK विद्रोहियों ने देश के भीतर धमाकों के साथ-साथ इराक और सीरिया से लगे क्षेत्रों में तुर्की सेना से सीधे टकराव भी किया है।
कौन हैं कुर्द?
कुर्द एक जातीय समूह हैं जो पश्चिम एशिया के पहाड़ी क्षेत्र ‘कुर्दिस्तान’ में रहते हैं, जो दक्षिण-पूर्वी तुर्किये, उत्तरी इराक, उत्तरी सीरिया और उत्तर-पश्चिमी ईरान तक फैला है। करीब 2 से 4 करोड़ की आबादी वाला यह समूह दुनिया का सबसे बड़ा ‘राज्यविहीन’ समुदाय है। वे लंबे समय से अपनी अलग पहचान और राष्ट्र की मांग को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं।