आध्यात्मिक जुड़ाव को पहचाने: इन संकेतों से

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आध्यात्मिक जुड़ाव
आध्यात्मिक जुड़ाव

आध्यात्मिक जुड़ाव को कैसे पहचाने : हम सभी अपने जीवन में बहुत से अलग-अलग लोगों के संपर्क में आते हैं, वैसे तो हर व्यक्ति में कुछ न कुछ विशेषता होती है  जिससे कई बार हम प्रभावित भी होते हैं, पर कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके साथ हम एक बहुत ही आध्यात्मिक, शांत और दिव्य संबंध का आभास करते हैं और इस प्रकार के मजबूत संबंध आप पर एक स्थायी छाप छोड़ते है हालाँकि कई बार आप ऐसे अनमोल सम्बन्ध को पहचान नही पातेI यहाँ हम आपको शुद्ध, आध्यात्मिक संबंध के कुछ संकेतों के बारे में बता रहे हैंI

अपनी गट फीलिंग पर करें भरोसा

क्या आपको कभी ऐसा लगा की अमुक व्यक्ति आपके लिए सही था? अगर हाँ तो आप संदेह के लिए कोई जगह न छोड़ें I अपनी गट फीलिंग (वृत्ति) पर भरोसा करें कि आपने उस व्यक्ति के साथ एक अनोखा और आध्यात्मिक संबंध बनाया है।

सुरक्षित महसूस करना

 आप उस व्यक्ति के साथ भावनात्मक और शारीरिक रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे। जिसके साथ आध्यात्मिक संबंध साझा करते हैं, तो यह आपको उन स्थितियों के दौरान शांत करता है, जहां आप हताश या निराश महसूस करते हैं। ऐसे लोग आपकी चिंता, आत्मसम्मान और अन्य भावनात्मक मुद्दों में आपकी मदद करते हैं।

अध्यात्मिक सम्बन्ध में मुक्ति की भावना को पहचाने   

जब आप उस व्यक्ति के साथ होते हैं, तो कुछ भी आपको बांधता नहीं है। कोई भौतिकवादी या अस्थायी बाधा आपको सार्वभौमिक और भावनात्मक स्वतंत्रता प्राप्त करने से नहीं रोकती है। उनका साथ आपको जीवन के सभी पहलुओं से मुक्त करता है।

जिसको आप अपने सीक्रेट्स बता सकें

आप उस व्यक्ति के साथ अपने रहस्यों को खोलने से डरेंगे नहीं,  क्योंकि आप उन पर भरोसा करते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि बातचीत कितनी व्यक्तिगत है, आप अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सहज महसूस करेंगे। इसके अलावा, जब आप उस व्यक्ति के साथ बात करते हैं तो आप तीव्र शक्ति और ज्ञान की वृद्धि महसूस करेंगे, क्योंकि आप दोनों के बीच आध्यात्मिक बंधन आपकी भावनाओं के गहरे हिस्सों को खोजने के लिए एक उत्प्रेरक है।

अध्यात्मिक जुड़ाव में लगातार बात की जरुरत नहीं

जब आप किसी व्यक्ति के साथ आध्यात्मिक रूप से जुड़े होते हैं, तो आपको उन्हें जानने के लिए उस व्यक्ति के साथ लगातार बात करने की आवश्यकता नहीं होगी। मौन भी उतना ही सहज हो सकता है। वह व्यक्ति आपके सभी मूड और अभिव्यक्तियों को समझने में सक्षम होगा, आपके बिना बोले हीI  

 तो अगर आप किसी के साथ रहने पर इन सारी बातों  का अनुभव करते हैं तो समझ जाइये की अब, यही एक गहरा आध्यात्मिक संबंध हैI

यह भी पढ़ें ; आध्यात्मिकता: स्वयं, शाश्वत आनंद और शांति का अंतिम स्रोत

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RUPALI SHUKLA
नमस्कार मेरा नाम रुपाली शुक्ला है, मैंने कानपुर विश्वविद्यालय से परास्नातक किया हैI बचपन से लेखन के प्रति रुझान आज मेरी आय क स्रोत बन सका, किताबें पढना मेरा मनपसंद कार्य है, कहानियां,कवितायेँ उपन्यास, लेख सभी में मेरी रूचि हैI मैं समझती हूँ कि आप वही बोलेंगे या लिखेंगे जितना कि आपको ज्ञान है इसलिए हर पल कुछ नया सीखने का प्रयास करती हूँ I मैंने कई कहानियाँ व कवितायेँ लिखी हैंI लेखन के अलावा मै अध्यापन कार्य भी करती हूँI हिंदी मेरा प्रिय विषय है, अधिकतर मैं हिंदी भाषा में ही लिखने का प्रयास करती हूँ मुझे अपनी मातृभाषा में लिखने से आत्म संतुष्टि मिलती हैI मेरे पास हिंदी साहित्य की पुस्तकों का अनूठा संगृह है, जिनसे मुझे आवश्यकता पड़ने पर सही मार्गदर्शन मिलता हैI

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