गजल सम्राट जगजीत सिंह जी का 83वि बर्थ एनिवर्सरी है कॉलेज के समय से छोटी छोटी महफिले जाम कर लोगो की फरमाइस पर लोगो को गाने सुनते थे उनकी कुछ गजल जो लोगो के दिलो मई आज भी उनकी याद के तोरा पर राज न करती है जैसे चिठ्ठी न कोई सन्देश , होठो से छू लो तुम , होश वालो को खबर क्या , कोई फरियाद , जैसे गजल आज भी जिन्दा ह
कहा जाता है उनकी आवाज का जादू का अंदाज इस बात से लगा सकते है की उनकी एक आवाज सुनने के लिए एक पायलेट ने आधा जानता फ्लाइट को लेंड कराया सम्राट जगजीत सिंह जी की आवाज की को हमारे सुवरकोकिला लता मगेशकर की भी उनके शो के टिकट ले कर सुनती थे जगजीत सिंह का जन्म 8फरवरी 1941 में राजस्थान के श्री गंगनगर में हुआ था उनके पिता ने उनकी गायकी मई रूचि देखते हुए उनको टर्निग दिलवाई
गजल सम्राट जगजीत सिंह जी गायकी में वि इतना मंगन हो गए की की पढाई का भी को होश नहीं रहा और कॉलेज में उनके पास पैसे न होने पर वो कुछ गाने गए कर बिना पैसे दिए चले जाते थे उनकी वजह से कॉलेज की सेन्टेन में लोगो की भिड़ा लगी होती थी जगजीत जी की गजलों को पाकिस्तान मई बना किया गया था यी ही नहीं उन्होंने अप्पनइ लाइफ में बहुतब कुछ देखा है जब वे गजल गए रहे थे तब ही उनके एकलौते बेटे की मोत की खबर उनने थी तो उनका बुरा हाल हो गया था इनके बाद उन्होंने बहुत सरे गजल गया जो बहुत चले10 अक्टूबर 2011 के दिन वो सब छोड़ा कर चले गए इससे पहले वो दो महीने कोमा में थे
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