लद्दाख में बनेगी देश की पहली नाइट स्काई सैंक्चुअरी:एस्ट्रो-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का नया प्रोजेक्ट

0
12

भारत की पहली नाइट स्काई सैंक्चुअरी लद्दाख के हनले गांव में बनाई जाने वाली है। यह चांगथांग वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी का हिस्सा होगी। इस प्रोजेक्ट का बीड़ा केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DST) ने उठाया है। यह देश में एस्ट्रो-टूरिज्म को बढ़ाने के लिए एक पहल है। साथ ही यह सैंक्चुअरी ऑप्टिकल, इन्फ्रारेड और गामा-रे टेलिस्कोप के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक होगी।

पहले जान लें, क्या है नाइट स्काई सैंक्चुअरी?
नाइट स्काई सैंक्चुअरी एक ऐसा संरक्षित इलाका होता है, जहां सितारों से भरे आसमान में एस्ट्रोनॉमी (खगोल विज्ञान) की फील्ड में रिसर्च करने का काफी स्कोप होता है। माना जाता है कि लद्दाख के हनले और मेराक में रात के समय आसमान बिल्कुल साफ होता है। यही वजह है कि एस्ट्रोनॉमी में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह सबसे पसंदीदा जगहें बनकर उभरी हैं। हनले लद्दाख-तिब्बत रूट पर है। 17वीं सदी में यहां हनले मठ भी रहा है।

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने घोषणा की
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि प्रोजेक्ट के लिए MoU साइन किया गया है। यह एग्रीमंट लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) लेह और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के बीच हुआ है।

सभी स्टेकहोल्डर्स एक साथ लाइट पॉल्युशन और इल्युमिनेशन से रात में आकाश के संरक्षण की दिशा में काम करेंगे। इसकी वजह- ऐसी रोशनी से आसमान की नेचुरल कंडीशन और साइंटिफिक ऑब्जर्बेशन के लिए खतरा होता है। सिंह ने आगे कहा, हनले इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे सही जगह है। यह लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित है। यह मानवीय अशांति से दूर है और यहां ड्राइ वेदर कंडीशन पूरे साल रहती है।

दूसरे प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग भी की जा रही
लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने डा. जितेंद्र सिंह से मिलकर लद्दाख चमड़ा केंद्र के अलावा काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के सहयोग से चलने वाली परियोजनाओं व शिक्षा मेला पर चर्चा भी की है। जितेंद्र सिंह ने उपराज्यपाल को बताया कि अगले साल से DST लद्दाख शिक्षा मेले के लिए एक बड़े कैंप की स्थापना करेगा।

साथ ही चेन्नई स्थित केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों और अधिकारियों का एक हाई लेवल डेलिगेशन इस इलाके में ब्रांच खोलने की संभावना का पता लगाने के लिए साल के आखिर तक लद्दाख का दौरा करेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here