वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बच्चों की सुरक्षा और ऑनलाइन अश्लील सामग्री पर नियंत्रण के लिए एक अहम कानून, ‘टेक इट डाउन एक्ट’ पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कानून एआई-जनित अश्लील सामग्री से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए अमेरिका का पहला नया संघीय कदम है।

अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने भी इस कानून का समर्थन किया है। इसके तहत, बिना सहमति के किसी की अश्लील तस्वीरें या वीडियो ऑनलाइन साझा करना गैरकानूनी होगा। ऐसी सामग्री के बारे में सूचना मिलने के 48 घंटे के भीतर तकनीकी प्लेटफॉर्म को इसे हटाना अनिवार्य होगा।
व्हाइट हाउस ने इस कदम को बच्चों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। मेलानिया ट्रंप ने कहा कि यह कानून ‘बी बेस्ट’ के सिद्धांतों को दर्शाता है, जो बच्चों की भलाई और देश के भविष्य के लिए जरूरी हैं।
हाल के वर्षों में कई लोगों, जिनमें पॉप सिंगर टेलर स्विफ्ट और राजनीतिक नेता एलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज शामिल हैं, गैर-सहमति से बनाए गए अश्लील डीपफेक वीडियो का शिकार बने हैं। डीपफेक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर किसी के चेहरे को नग्न तस्वीरों से जोड़ दिया जाता है।
यह नया कानून न केवल ऐसे पीड़ितों को न्याय दिलाएगा, बल्कि तकनीकी प्लेटफॉर्म की जवाबदेही भी बढ़ाएगा। पहले केवल बच्चों की अश्लील तस्वीरों पर संघीय रोक थी, लेकिन अब वयस्क पीड़ितों के लिए भी मजबूत कानून लागू होंगे, जो पूरे देश में समान रूप से प्रभावी होंगे।