सीआईएसएफ की महिला उप-निरीक्षक गीता समोटा ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और इस तरह सीआईएसएफ की पहली महिला अधिकारी बनीं, जिन्होंने यह कारनामा किया।

राजस्थान के सीकर जिले के चक गांव में जन्मी गीता ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई स्थानीय स्कूल और कॉलेज में पूरी की। कॉलेज के दौरान वह हॉकी खिलाड़ी भी थीं, लेकिन चोट लगने के कारण उन्हें खेल छोड़ना पड़ा। वर्ष 2011 में उनका चयन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में हुआ।
गीता की हिम्मत ने दुनिया को किया नतमस्तक
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस प्रशिक्षण संस्थान से गीता को पर्वतारोहण के लिए चुना गया, जहां उन्होंने 2017 में सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरी की और सीआईएसएफ की पहली महिला पर्वतारोही बनीं। इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड के माउंट सतोपंथ और नेपाल के माउंट लोबुचे पर भी सफलतापूर्वक चढ़ाई की, जो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के इतिहास में पहली बार हुआ।
हालांकि 2021 में एवरेस्ट अभियान में उनका चयन हुआ था, लेकिन तकनीकी कारणों से वह अभियान स्थगित कर दिया गया था।
सम्मानों की झड़ी
गीता ने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने का लक्ष्य रखा है और 2022 की शुरुआत तक वे चार चोटियों पर चढ़ चुकी थीं। उन्होंने केवल 6 महीने और 27 दिनों में यह उपलब्धि हासिल की। लद्दाख के रूपशु क्षेत्र में भी उन्होंने तीन दिनों में पांच चोटियों पर चढ़ाई की।
उनकी इस काबिलियत के चलते दिल्ली महिला आयोग ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार 2023 से नवाजा, जबकि सिविल एविएशन मंत्रालय ने उन्हें गिविंग विंग्स टू ड्रीम्स अवॉर्ड 2023 दिया।
गीता की इस सफलता से प्रेरित होकर सीआईएसएफ भी माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहण दल भेजने की योजना बना रहा है।