Sunday, May 18, 2025
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“ऑपरेशन सिंदूर के विरोध में पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों पर भारत का कड़ा व्यापारिक रुख”

तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ व्यापार बहिष्कार का ऐलान, फिल्म उद्योग से भी अपील

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में खड़े होने पर तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ देशभर में विरोध तेज हो गया है। भारत के 125 से अधिक प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने इन दोनों देशों के साथ सभी तरह के व्यापारिक संबंध खत्म करने का फैसला किया है। इस बहिष्कार में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र भी शामिल रहेगा। व्यापारिक प्रतिनिधियों ने भारतीय फिल्म उद्योग से अपील की है कि वह इन देशों में फिल्म शूटिंग न करें।


दिल्ली में व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक में अहम फैसले

नई दिल्ली में हुई व्यापारी नेताओं की बैठक में यह तय किया गया कि केंद्र सरकार से तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापारिक नीति पर पुनर्विचार की अपील की जाएगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि यदि फिल्म उद्योग ने इन देशों में शूटिंग जारी रखी, तो ऐसे प्रोजेक्ट्स का व्यापक बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही, कोई भी कॉर्पोरेट हाउस अपने उत्पादों के प्रमोशन के लिए इन देशों में शूटिंग नहीं करेगा।

तिरंगा यात्रा और राष्ट्रीय रक्षा फंड में योगदान

सेना के शौर्य और देशभक्ति का सम्मान करते हुए हर जिले में तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी और राष्ट्रीय रक्षा फंड में योगदान दिया जाएगा। इस सम्मेलन में देश के 24 राज्यों से व्यापारियों ने भाग लिया, जिनमें कपड़ा, किराना, ऑटोमोबाइल, ज्वेलरी, जूते-चप्पल और आईटी सेक्टर के प्रतिनिधि शामिल थे।

भारत की संप्रभुता पर चोट – कैट का बयान

कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि तुर्की और अजरबैजान ने भारत की मित्रता का दुरुपयोग किया है और अब आतंकवाद के समर्थक बन गए हैं। यह भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर सीधा हमला है।

स्मृति ईरानी ने व्यापारियों की सराहना की

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने व्यापारियों की देशभक्ति की भावना की सराहना की और राष्ट्रीय रक्षा फंड में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह पूर्व सांसद के रूप में मिलने वाली पेंशन इस कोष में समर्पित करेंगी।

तुर्किये से सेब आयात पर प्रतिबंध की मांग

हिमालयन एपल ग्रोअर्स सोसायटी ने तुर्की से सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि सस्ते आयातित सेब के कारण देश के बागबानों को भारी नुकसान हो रहा है। तुर्की से हर साल एक लाख टन से अधिक सेब भारत आता है, जिससे घरेलू बाजार प्रभावित हो रहा है।

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