जम्मू। अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए लगातार निरीक्षण, ट्रायल रन और मॉक ड्रिल कर रही हैं। इस वर्ष यात्रा 3 जुलाई से बालटाल और पहलगाम मार्गों से शुरू होगी।
ऑनलाइन पंजीकरण से चूकने वाले श्रद्धालुओं के लिए जम्मू में विशेष पंजीकरण केंद्र खोले गए हैं, जहां बड़ी संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं।
जम्मू के यात्री निवास बेस कैंप से बुधवार को ट्रायल के तहत बसें रवाना की गईं। सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की तैयारियों की जांच के लिए इन बसों को कड़ी सुरक्षा घेरे में भेजा गया। इस अभ्यास में भूस्खलन, प्राकृतिक आपदा और आतंकी हमले जैसे आपातकालीन परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए त्वरित प्रतिक्रिया, राहत और बचाव कार्यों का परीक्षण किया गया।
सुरक्षा बलों ने मॉक ड्रिल के दौरान घायल तीर्थयात्रियों को प्राथमिक उपचार देने, फंसे वाहनों को निकालने और समन्वित राहत कार्यों को अंजाम देने का अभ्यास किया।
आतंकी धमकियों के बावजूद श्रद्धालुओं का हौसला बुलंद है। एक श्रद्धालु ने कहा, “मुझे अमरनाथ पर पूरा भरोसा है। आतंकी चाहे जो कर लें, वे हमारी आस्था को नहीं तोड़ सकते। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे जम्मू-कश्मीर आकर यह दिखाएं कि हम डरे नहीं हैं।”
जम्मू पुलिस ने भी यात्रा मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। संवेदनशील क्षेत्रों में चौकियां स्थापित की गई हैं और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी साजिश को समय रहते नाकाम किया जा सके।
2 जुलाई को अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था औपचारिक रूप से जम्मू से रवाना किया जाएगा।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर जम्मू पुलिस ने जिले भर में रणनीतिक रूप से अहम कई स्थानों पर संयुक्त जांच चौकी स्थापित करके सुरक्षा व्यवस्था को काफी मजबूत कर दिया है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा को निर्बाध और सुरक्षित बनाने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के साथ समन्वय में जांच चौकी स्थापित की गई हैं। ये चौकियां राष्ट्रीय राजमार्गों, जम्मू के आसपास और भगवती नगर आधार शिविर की ओर जाने वाले मार्गों सहित संवेदनशील और अत्यधिक व्यस्त आवाजाही वाले क्षेत्रों में 24 घंटे चालू रहेंगी। प्रवक्ता ने बताया कि सतर्कता और लोगों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जांच चौकियों की निगरानी कर रहे हैं। नाका टीम को तीर्थयात्रियों और नागरिकों के प्रति कठोर जांच और सम्मानजनक व्यवहार के बीच संतुलन बनाए रखने का निर्देश दिए गए हैं।
