नई दिल्ली: भारत ने तुर्की को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर वह द्विपक्षीय संबंधों में सुधार चाहता है, तो उसे पाकिस्तान का समर्थन बंद करना होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि तुर्की को पाकिस्तान से कहना चाहिए कि वह सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे और दशकों से पनप रहे आतंकी ढांचे के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करे।

तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं स्वीकार्य
जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर जैसे मुद्दों पर बातचीत केवल भारत और पाकिस्तान के बीच ही हो सकती है। लेकिन बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।”
सिंधु जल संधि पर सख्त रुख
प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित किया है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता। उन्होंने दो टूक कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”
तुर्की द्वारा पाकिस्तान को सैन्य समर्थन
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के खिलाफ तुर्की निर्मित ड्रोन का उपयोग किया है। ये ड्रोन गुजरात से लेकर लद्दाख तक 36 से अधिक स्थानों पर भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर चुके हैं। इसके अलावा, तुर्की ने पाकिस्तान को वैचारिक, नैतिक और सैन्य सहायता भी प्रदान की है।
जम्मू-कश्मीर पर तुर्की का पक्षपातपूर्ण रुख
भारत ने यह भी आरोप लगाया कि तुर्की लंबे समय से जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण का समर्थन करता आया है, जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है।