आतंकवाद पर भारत की वैश्विक पैरवी के लिए कांग्रेस ने भेजे सांसदों के नाम, सीएम सरमा ने जताई आपत्ति
भारत सरकार द्वारा आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर देश का पक्ष रखने के लिए प्रस्तावित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने हेतु कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के नाम भेजे हैं। इनमें असम से सांसद गौरव गोगोई का नाम भी शामिल है। उनके चयन पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया पर लिखा, “इस सूची में शामिल एक सांसद ने पाकिस्तान में लंबे समय तक रहने की बात से इनकार नहीं किया है। वर्तमान में वह कथित तौर पर दो सप्ताह से पाकिस्तान में हैं। दस्तावेज बताते हैं कि उनकी पत्नी भारत में रहते हुए पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ से वेतन प्राप्त कर रही थीं।” उन्होंने आगे लिखा, “मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि ऐसे व्यक्ति को इस संवेदनशील कार्य से दूर रखें, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।”
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि पार्टी ने प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा और राज्यसभा से दो-दो सांसदों के नाम दिए हैं। इन नामों में गौरव गोगोई, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार शामिल हैं।
बताया गया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी से बात कर चार नामों की सिफारिश करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद कांग्रेस ने अपनी सूची भेज दी।
यह प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित अन्य प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेगा। इस दौरे का उद्देश्य भारत की आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति को स्पष्ट रूप से वैश्विक समुदाय के सामने रखना है, खासतौर पर हाल में हुए पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में।
सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है, जिनका नेतृत्व विभिन्न दलों के प्रमुख सांसद करेंगे। इनमें बीजेपी के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जेडीयू के संजय झा, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे शामिल हैं।
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा करेगा और उनके साथ अनुभवी राजनयिक भी होंगे। मंत्रालय ने कहा है कि इन दौरों के माध्यम से भारत की सख्त आतंकवाद विरोधी नीति को विश्वभर में प्रस्तुत किया जाएगा।