अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश का खुलासा, जांच में जुटी एफबीआई और सीक्रेट सर्विस
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ट्रंप को निशाना बनाने के लिए “8647” नामक एक कोड का इस्तेमाल किया गया, जिसे लेकर अब अमेरिकी खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इस मामले की जांच अमेरिका की सीक्रेट सर्विस और एफबीआई संयुक्त रूप से कर रही हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस साजिश के पीछे एफबीआई के पूर्व निदेशक जेम्स कॉमी का नाम सामने आया है। अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस की निदेशक तुलसी गबार्ड ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि जेम्स कॉमी ने हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या के लिए सार्वजनिक रूप से अपील की थी। उन्होंने कहा कि कॉमी जैसे व्यक्ति, जिन्होंने अपने करियर का अधिकांश हिस्सा अपराधियों और माफिया के खिलाफ कार्रवाई में बिताया, वह अच्छी तरह समझते हैं कि वह क्या कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें कानून के अनुसार जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
गबार्ड ने आगे कहा कि “हम सीक्रेट सर्विस द्वारा की जा रही इस जांच का पूरा समर्थन करते हैं।” जांचकर्ताओं के अनुसार, “8647” कोड ट्रंप की हत्या की योजना का हिस्सा था—जहां “86” हत्या का कोडवर्ड माना जाता है और ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति हैं, इसलिए इस कोड का इस्तेमाल हुआ।
पेंसिल्वेनिया रैली में हुई थी ट्रंप पर गोलीबारी
यह मामला उस घटना के बाद उजागर हुआ है जब 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर गोली चलाई गई थी। हमले के दौरान गोली उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी, जिससे वह घायल हो गए थे। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि दो अन्य घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में हमलावर को सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने मौके पर ही ढेर कर दिया था। उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घटना की निंदा करते हुए कहा था कि इस प्रकार की राजनीतिक हिंसा के लिए देश में कोई जगह नहीं है। वहीं, इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठे हैं।