Saturday, May 17, 2025
HomeDelhi"ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पीएम मोदी के नेतृत्व का परिणाम: अमित शाह"

“ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पीएम मोदी के नेतृत्व का परिणाम: अमित शाह”

ऑपरेशन सिंदूर: मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और भारतीय सेनाओं की क्षमता का प्रतीक – अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति, देश की खुफिया एजेंसियों की सूचनात्मक दक्षता, और भारतीय सशस्त्र बलों की आक्रामक ताकत का प्रतीक है।


यह बयान उन्होंने दिल्ली में एक अत्याधुनिक बहु-एजेंसी खुफिया केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर दिया। इस केंद्र का उद्देश्य सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच समय पर और प्रभावी जानकारी साझा करना है।

शाह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर हमारे सुरक्षा तंत्र की ताकत और राजनीतिक नेतृत्व की स्पष्टता का उदाहरण है। प्रधानमंत्री मोदी की निर्णायक सोच, खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी, और सेना की जबरदस्त क्षमता—इन तीनों का मिलाजुला असर इस अभियान में दिखाई दिया।”

नॉर्थ ब्लॉक में हुआ MAC सेंटर का उद्घाटन

गृह मंत्री ने नॉर्थ ब्लॉक में मल्टी-एजेंसी सेंटर (MAC) का उद्घाटन किया। यह वही केंद्र है जो विभिन्न एजेंसियों को एक साझा मंच पर लाकर सुरक्षा मामलों में बेहतर समन्वय सुनिश्चित करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित हमले किए थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी।

10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाइयों को अस्थायी रूप से रोकने पर सहमति बनी, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि यह सिर्फ एक विराम है—आगे की कार्रवाई पाकिस्तान के रवैये पर निर्भर करेगी।

मोदी का सख्त संदेश: आतंक और वार्ता एक साथ नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ भारत की बदली हुई नीति और न्याय के प्रति अडिग संकल्प का उदाहरण बताया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “यह नया सामान्य है। हमने सिर्फ अभियान को रोका है, समाप्त नहीं किया। भविष्य की दिशा पाकिस्तान के व्यवहार से तय होगी।”

मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी भी तरह के परमाणु डराने-धमकाने के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश दिया कि “आतंकवाद और व्यापार, या आतंकवाद और वार्ता—इन दोनों को एक साथ नहीं चलाया जा सकता।”

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments