भारत-पाक युद्ध की आशंका के बीच अमेरिका की मध्यस्थता, ट्रंप की सीधी दखलअंदाजी
भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद दोनों देशों ने संघर्ष विराम (सीजफायर) की घोषणा की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका और ट्रंप का आभार व्यक्त किया। इस घटनाक्रम पर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) ने अपनी रिपोर्ट में कई अहम खुलासे किए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में अमेरिका का इस युद्ध में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं था। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया था कि यह लड़ाई अमेरिका की नहीं है और अमेरिका केवल शांति का सुझाव दे सकता है। लेकिन दक्षिण एशिया में परमाणु टकराव की आशंका के कारण ट्रंप प्रशासन को स्थिति में दखल देना पड़ा।
रावलपिंडी एयरबेस पर हमले ने बढ़ाया तनाव
NYT की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई संघर्ष शुरू हो चुका था। पाकिस्तान ने अपनी शक्ति दिखाने के लिए 300 से 400 ड्रोन भारतीय सीमा में भेजे। लेकिन शुक्रवार को स्थितियों ने नया मोड़ तब लिया जब पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित नूरखान एयरबेस पर विस्फोट हुआ। यह एयरबेस न केवल पाकिस्तानी वायुसेना के लिए अहम है बल्कि यह परमाणु हथियारों से संबंधित क्षेत्र के बेहद पास भी स्थित है।
रिपोर्ट का दावा है कि इस क्षेत्र में लगभग 170 परमाणु बम रखे गए हैं और अमेरिका को आशंका थी कि युद्ध की स्थिति में हालात बिगड़ सकते हैं। इसी कारण अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा।
भारत की चेतावनी के रूप में देखा गया हमला?
NYT ने एक पूर्व पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से बताया कि नूरखान एयरबेस पर हुआ हमला भारत की ओर से एक चेतावनी के तौर पर देखा गया — एक संकेत कि भारत परमाणु ढांचों पर हमला करने में सक्षम है। साथ ही पाकिस्तान को अपने परमाणु नियंत्रण प्रणाली की कमजोरी को लेकर चिंता भी सताने लगी।
इसके चलते प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ‘नेशनल कमांड अथॉरिटी’ की आपात बैठक बुलाई, जो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर निर्णय लेने वाला उच्चस्तरीय निकाय है।
ट्रंप की पहल पर वेंस ने पीएम मोदी से की बातचीत
NYT के अनुसार, अमेरिका ने यह महसूस किया कि सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों की कोशिशों का कोई खास असर नहीं हुआ। ऐसे में ट्रंप ने उपराष्ट्रपति वेंस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी बातचीत के लिए कहा। वेंस, जिनकी पत्नी भारतीय मूल की हैं, ने पीएम मोदी को फोन कर संभावित सैन्य विकल्पों और तनाव कम करने के रास्तों पर चर्चा की।
हालांकि रिपोर्ट बताती है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत में सुझावों को सुना, लेकिन किसी भी प्रस्ताव पर स्पष्ट सहमति नहीं जताई।