रेलवे ने बदली व्यवस्था- आठ ट्रेनों में बेड रोल बहाल करनें के साथ ही जानें नए अपडेट्स



भोपाल। ट्रेन के एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को अब अपने साथ चादर-तकिया ले जाने की जरूरत नहीं है। रेलवे ने कुछ और ट्रेनों में बेड रोल देना शुरू कर दिया है। इनमें भोपाल से गुजरने वाली कुछ ट्रेन भी शामिल है।
इनमें बेड रोल शुरू
रेलवे के अनुसार सात गाडिय़ों के वातानुकूलित कोच में लिनेन आपूर्ति बहाल की गई है। इन ट्रेनों में गोरखपुर से चलने वाली गाड़ी संख्या 22537/22538 कुशीनगर एक्सप्रेस, 15018/15017 काशी एक्सप्रेस और 15065/15066 पनवेल एक्सप्रेस के साथ साथ गाड़ी संख्या 15027/15028 मौर्य एक्सप्रेस शामिल हैं।
ये ट्रेन भी शामिल
गोरखपुर जंक्शन से चलने वाली गाड़ी संख्या 15005/15006 देहरादून एक्सप्रेस और लखनऊ जंक्शन स्टेशन से चलने वाली गाड़ी संख्या 12535/12536 लखनऊ -रायपुर-लखनऊ गरीबरथ एक्सप्रेस व लखनऊ-भोपाल-लखनऊ गरीब रथ एक्सप्रेस में भी अब यात्रियों को चादर-तकिया-टॉवल और कंबल मिलने लगे हैं।
इधर, दिसंबर तक चलेंगी जबलपुर-पुणे, रीवा-रानी कमलापति स्पेशल ट्रेनें-
वहीं दूसरी ओर रेल प्रशासन ने जबलपुर-पुणे-जबलपुर और रीवा-रानी कमलापति-रीवा स्पेशल ट्रेनों की संचालन की अवधि 26 दिसंबर तक बढ़ा दी है। दोनों साप्ताहिक स्पेशल ट्रेनों के चलने की अवधि को बढ़ाया गया है। ये दोनों ट्रेनें निर्धारित दिन, ठहराव, समय-सारिणी और कोच कम्पोजीशन के अनुसार ही चलेगी।
गाड़ी संख्या 02132 प्रत्येक रविवार को जबलपुर से पुणे के बीच चलने वाली साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 25 दिसंबर 2022 तक तथा इसी प्रकार वापसी में गाड़ी संख्या 02131 प्रत्येक सोमवार को पुणे से जबलपुर के बीच चलने वाली साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 26 दिसंबर 2022 तक के लिए विस्तारित की गई है। इसके अलावा 02185 रानी कमलापति से रीवा के बीच प्रत्येक शनिवार को चलने वाली ट्रेन 24 दिसंबर तक और वापसी में 02186 रीवा से रानी कमलापति के बीच प्रत्येक शनिवार को चलने वाली साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 24 दिसंबर 2022 तक के लिए विस्तारित की गई है।
वहीं मेमू ट्रेन में सुधार के लिए 40 रेलकर्मी लेंगे चेन्नई में प्रशिक्षण-
इसके अलावा मेमू ट्रेनों के रैक का सुधार कार्य शहर के निशातपुरा में स्थित रेल कारखाना में ही होगा। इसी सिलसिले में 40 रेलकर्मियों को चेन्नई में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। 10 कर्मियों का पहला बैच चेन्नई जा चुका है। बता दें शहर के कारखाने को जनवरी, फरवरी और मार्च के मह में एक-एक रैक दिए जाने हैं।
जिन्हें पहली बार इसी कारखाने में ठीक किया जाएगा। फिलहाल इन्हें चेन्नई या अहमदाबाद भेजना पड़ता है, जिसके कारण कई बार मेमू को निरस्त करना पड़ जाता है। भोपाल रेल मंडल में अभी भोपाल से बीना के बीच दो और इटारसी से खंडवा के बीच एक मेमू ट्रेन चलती है।