पेट कीअतिरिक्त चर्बी हटायें : मात्र पाँच योगासन द्वारा

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पाँच गुणकारी योगासन

मोटापा आजकल मानव जीवन में  एक गंभीर विषय बन चुका है I एक शोध के अनुसार भारत की कुल 17 % जनसँख्या मोटापे  से ग्रसित है इसके कई कारण हो सकते हैं मुख्यतः अनियमित जीवन शैली, गलत खानपान, अनुवांशिक, मानसिक तनाव एवं कार्यशैली और यदि आपका वजन सामान्य से अधिक है तो यह सबसे अधिक पेट पर दिखाई देता है I हमारी शारीरिक संरचना ही ऐसी है की शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में  पेट का माँस अधिक लचीला होता है I यदि पेट में चर्बी जम गयी तो शरीर बेडौल और भद्दा दिखने लगता है, किसी भी प्रकार के कपड़े आकर्षक नहीं लगते कई बार तो हम अपना आत्मविश्वास खो बैठते हैं किन्तु संतुलित आहार एवं नियमित योगाभ्यास द्वारा पेट की अतिरिक्त चर्बी को सहजता से कम किया जा सकता है I इन योगासन के अभ्यास से पेट की चर्बी तो कम होती ही है  साथ ही पाचन सम्बन्धी कई समस्याओं का भी निदान होता है I आइये जानते है इन

पाँच गुणकारी योगासन के बारे में —–

1 पादहस्तासन

2 धनुरासन  

3 भुजंगासन

4 पवनमुक्तासन

5 उष्ट्रासन

जी हाँ यदि आप संतुलित आहार लेते हुए  इन पाँच योगासन का नियमित अभ्यास करते हैं तो अवश्य मोटापे व अतिरिक्त जमा वसा को कम कर सकते हैं I इनके कई अन्य स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी हैं जैसे..

पादहस्तासन मष्तिष्क की शिराओं में रक्तसंचार को बढ़ाने के साथ सर्दी जुकाम में भी राहत देता है I हिप्प्स व पिंडलियों में अच्छा खिचाव देता है I धनुरासन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, पीठ व कमर दर्द में भी लाभकारी है, महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितताओं को दूर करता है I भुजंगासन से लम्बाई बढ़ाने में मदद मिलती है, अस्थमा व श्वांस सम्बन्धी समस्याओं में आराम मिलता है I पवनमुक्तासन अम्लपित्त, कब्ज व वयुविकारों को भी  दूर करने में सहायक है I उष्ट्रासन छाती कंधे व कमर दर्द को कम करने में,मांसपेशियों को मजबूत बनाने में,थकान, तनाव व मानसिक अवसाद में लाभकारी है I

सावधानी –

किसी भी योगासन को करने से पहले वार्म अप करना आवश्यक होता है I भोजन के उपरांत इनका अभ्यास वर्जित है I यह भी ध्यान में रखना चाहिये की एक दिन में कुछ भी संभव नहीं होता व धीरे-धीरे निरंतर किये गए प्रयास से कुछ भी असंभव नहीं रहता I            

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RUPALI SHUKLA
नमस्कार मेरा नाम रुपाली शुक्ला है, मैंने कानपुर विश्वविद्यालय से परास्नातक किया हैI बचपन से लेखन के प्रति रुझान आज मेरी आय क स्रोत बन सका, किताबें पढना मेरा मनपसंद कार्य है, कहानियां,कवितायेँ उपन्यास, लेख सभी में मेरी रूचि हैI मैं समझती हूँ कि आप वही बोलेंगे या लिखेंगे जितना कि आपको ज्ञान है इसलिए हर पल कुछ नया सीखने का प्रयास करती हूँ I मैंने कई कहानियाँ व कवितायेँ लिखी हैंI लेखन के अलावा मै अध्यापन कार्य भी करती हूँI हिंदी मेरा प्रिय विषय है, अधिकतर मैं हिंदी भाषा में ही लिखने का प्रयास करती हूँ मुझे अपनी मातृभाषा में लिखने से आत्म संतुष्टि मिलती हैI मेरे पास हिंदी साहित्य की पुस्तकों का अनूठा संगृह है, जिनसे मुझे आवश्यकता पड़ने पर सही मार्गदर्शन मिलता हैI

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