Como Funciona Meetic: Igual que seria el funcionamiento en Meetic? [2023]
नेजल वैक्सीन को मंजूरी आज से निजी अस्पतालों में भी मिलेगी



Source:- https://www.businesstoday.in/
भारत सरकार ने दुनिया की पहली नेजल कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इस वैक्सीन को भारत और अमेरिका ने मिलकर तयार किया है। इस वैक्सीन बनाने वाली संस्थान का नाम हैदराबाद की भारत बायोटेक और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर बनाया है। इस वैक्सीन का उपयोग बूस्टर डोज़ के तरह हो सकता है। इस वैक्सीन को नाक के द्वारा लिया जाता है। इस वैक्सीन को सबसे पहले निजी अस्पतालों में उप्लाब्ध्ह कराया जायेगा जिसके लिए लोगों को कुछ राशी भुगतान करना पड़ेगा। न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, इसे आज से ही कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में सम्मलित कर लिया गया है।
नेजल वैक्सीन को नाक के जरिये शारीर में पहुचाया जायेगा। नेजल वैक्सीन का नाम भारत बायोटेक ने पहले इसका नाम BBV154 रखा था, जिसे अब बदल कर iNCOVACC कर दिया गया है। इस वैक्सीन की सबसे ख़ास बात यह है की ये कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लाक करने में सक्षम है। नेजल वैक्सीन में इंजेक्शन की जरुरत नहीं पड़ती, तो इसके कारण चोट लगने का खतरा नहीं होता और साथ में हेल्थकेयर वर्कर्स को भी ख़ास ट्रेनिंग देने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
नेजल वैक्सीन क्या होती है और ये काम कैसे करती है
नेजल वैक्सीन वो होती है जिसे नाक के जरिये शरीर में पहुचाया जाता है। इस वैक्सीन को नाक के जरिये दिया जाता है इसलिए इसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहते है। ये वैक्सीन एक नेजल स्प्रे जैसा काम करती है।
नेजल वैक्सीन कोरोना वायरस जैसे कई माइक्रोब्स यानी सूक्ष्म वायरस, म्युकोसा (गीला, चिपचिपा पदार्थ जो नाक, मुंह, फेफड़ों और पाचन तंत्र में होता है) जो शरीर में होते है उन पर ये वैक्सीन सीधे इम्यून रेस्पोंस पैदा करती है।
इसका मतलब नेजल वैक्सीन वहां लड़ने के लिए सनिक की तरह कड़ी रहती है जहाँ वायरस शरीर में घुसपैठ करता है। नेजल वैक्सीन आपके शरीर में इम्युनोग्लोबुलिन A (igA) प्रोड्यूस करती है जिससे इन्फेक्शन शुरुवाती दौर में रोकने में सहायता करती है। ये इन्फेक्शन को रोकने के साथ साथ ट्रांसमिशन को रोकने में भी सक्षम है।